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नीरज आर्य सैनी |
उठो
उठो - देश के जवानों,
तुम्हें देश पुकार रहा है,
कर दो खातमा दुश्मनों का,
देश दुश्मनों का लहू मांग रहा है।
तुम्हें देश पुकार रहा है,
कर दो खातमा दुश्मनों का,
देश दुश्मनों का लहू मांग रहा है।
माँग रहे पाकिस्तान वाले
कश्मीर को पाक में मिलाने को
हर बार चाल पे चाल चल रहे हैं,
वे सदा तैयार ही रहते भारत को उड़ाने को।
कश्मीर को पाक में मिलाने को
हर बार चाल पे चाल चल रहे हैं,
वे सदा तैयार ही रहते भारत को उड़ाने को।
उठो - ए देश के किसानों,
बना दो धरती को उपजाऊ,
मांग रही यह भारत माता,
तुम से अन्न के दाने।
बना दो धरती को उपजाऊ,
मांग रही यह भारत माता,
तुम से अन्न के दाने।
उठो - ए देश के बच्चों,
कर दो विकास देश का।
अगर नहीं उठे अभी तुम
तो हो जायेगी देश भक्ति गुम।।
कर दो विकास देश का।
अगर नहीं उठे अभी तुम
तो हो जायेगी देश भक्ति गुम।।
नीरज आर्य सैनी
दशमी ‘घ’
दशमी ‘घ’
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